27-28 फरवरी २०२० को दिल्ली दंगे के दौरान भूरे अली नामक मुस्लिम युवक की की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी ,और उनके शव को पास के नहर में फेंक दिया गया था।
भूरे अली के छोटे भाई,मोहम्मद रफीक ने कहा कि दिल्ली दंगे के बाद हमारा परिवार अभी तक डर की दहशत में अपनी ज़िन्दगी गुज़ार रहा है , बड़े भाई की मौत के बाद परिवार दिल्ली से लोनी में रहने लगा है । भूरे अली के परिवार में माता-पिता,उनके भाई और दो बच्चें हैं, उनकी पत्नी की छह साल पहले ही मृत्यु हो गई थी।
रफीक ने कहा कि पिछला वर्ष विशेष रूप से बहुत दुःख भरा और चुनौतीपूर्ण रहा “ दंगे में मारे गए अपने भाई भूरे अली को इंसाफ दिलाने के लिए मैं कई बार मदद की गुहार के लिए गोकुलपुरी पुलिस स्टेशन गया, लेकिन पुलिस ने हमें बताया कि यह मामला क्राइम ब्रांच के पास है और इस मामले में हमें कोई विवरण नहीं दिया गया है। भूरे अली के अनुसार दिल्ली अपराध शाखा कार्यालय से भी , हमें अब तक कोई मदद नहीं मिली और न ही दिल्ली सरकार की तरफ से ही कोई आर्थिक मदद मिली ।
अब हम बस शांति से रहना चाहते हैं। मैं भूरे अली के बच्चों के लिए पैसा कमाने की कोशिश कर रहा हूं। मेरे माता-पिता बूढ़े हैं और काम नहीं कर सकते।”
पुलिस ने कहा कि मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप – “कट्टर हिंदुत्व एकता” का हिस्सा बनाया था – जिसे 25 फरवरी को मुसलमानों से “बदला लेने” के लिए बनाया गया था, आरोप पत्र में कहा गया है कि उन्होंने इसका इस्तेमाल एक दूसरे के साथ जुड़ने और हथियार व गोला बारूद प्रदान करने के लिए किया था। व्हाट्सएप ग्रुप बनाने वाला व्यक्ति अभी भी फरार है, पुलिस ने आरोप पत्र में कहा है।
“25 फरवरी को 12.49 बजे” कट्टर हिंदुत्व एकता नामक समूह बनाया गया था। प्रारंभ में इस समूह में 125 सदस्य थे, दंगा होने के बाद इन 125 में से; 47 लोगों को 8 मार्च को समूह से बाहर कर दिया गया था।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विनोद कुमार गौतम के समक्ष 29 जून को नौ लोगों की कथित हत्या के लिए चार्जशीट दायर की गई थी जिनमे – हमजा, आमीन, भूरे अली, मुर्सलीन, आस मोहम्मद, मुशर्रफ, अकिल अहमद और हाशिम अली और उनके बड़े भाई आमिर खान – आदि का नाम शामिल था।
“जांच के दौरान, यह पता चला की हिंदुओं का एक समूह जिसमें मुख्य रूप से जो आरोपी व्यक्ति शामिल हैं उनमे – जतिन शर्मा, ऋषभ चौधरी, विवेक पांचाल, लोकेश सोलंकी, पंकज शर्मा, प्रिंस, सुमित चौधरी, अंकित चौधरी और हिमांशु ठाकुर, आदि हैं। अन्य पहचानकर्ता पुलिस ने आरोप पत्र में कहा कि अज्ञात उपद्रवी 25 फरवरी से 26 फरवरी की सुबह गंगा विहार / भागीरथी विहार इलाके में सक्रिय हो गए और नौ मुस्लिम व्यक्तियों की हत्या कर दी और कई लोगों को घायल कर दिया।
अंतिम रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “यह दर्शाता है कि वे अलग-अलग धर्मों यानी मुस्लिम से जुड़े अन्य समुदाय के लोगों पर दंगा करने और उन पर हमला करने में सक्रिय रूप से शामिल थे और दंगों के दौरान उन पर हमला करके कई लोगों को मार डाला।” हिन्दू समूह के लोग एक खास धर्म समुदाय के लोगों खासकर मुस्लिम को उनके पहनावे और “उनके तौर-तरीके से पता लगाते थे, वे लोगों को पकड़ते थे और उनके नाम, पता और पहचान पत्र यानि आइडेंटिटी कार्ड देखकर, उनके धर्म का पता लगाते थे और वे कई बार उन्हें जय श्री राम’ कहने के लिए मजबूर करते थे।
“जो व्यक्ति ‘जय श्री राम’ नहीं कह रहे थे उनको मारके दिल्ली के भागीरथी विहार के गंदे नाले में फेंक देते थे।”
आज ही के दिन 3 मार्च 2020 को दिल्ली दंगे में अपना भाई खोने वाले रफीक की कहानी
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